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मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के जीवन पर आधारित कविता यह कविता हिंदी के जाने माने युवा कवि अमन अक्षर जी द्वारा लिखी गई है सारा जग है प्रेरणा प्रभाव सिर्फ राम है भाव सूचियाँ बहुत हैं भाव सिर्फ राम हैं. कामनाएं त्याग पूण्य काम की तलाश में राजपाठ त्याग पूण्य काम की तलाश में तीर्थ खुद भटक रहे थे धाम की तलाश में कि ना तो दाम ना किसी ही नाम की तलाश में राम वन गये थे अपने राम की तलाश में भाव सूचियाँ बहुत हैं भाव सिर्फ राम हैं आप में ही आपका आप से ही आपका चुनाव सिर्फ राम हैं भाव सूचिया बहुत हैं भाव सिर्फ राम हैं. भाव सूचियाँ बहुत हैं भाव सिर्फ राम हैं ढाल में ढले समय की शस्त्र में ढले सदा सूर्य थे मगर वो सरल दीप से जले सदा ताप में तपे स्वयं ही स्वर्ण से गले सदा राम ऐसा पथ है जिसपे राम ही चले सदा दुःख में भी अभाव का अभाव सिर्फ राम हैं भाव सूचिया बहुत है भाव सिर्फ राम हैं भाव सूचियाँ बहुत हैं भाव सिर्फ राम हैं ऋण थे जो मन...